कन्हयाच्या सुटकेचा मार्ग मोकळा झाल्यामुळे सर्वसामान्य संघर्षशील युवकांना माझ्यावरही असा अन्याय केल्यास संपूर्ण देशातील माझे "वैचारिक साथी" सोबत येणारच हा विश्वास मिळाला हाच आपला विजय आहे....!
कन्हैया का कल का भाषण देख और सुनकर गर्व से रोंगटे खड़े हो गए।
कन्हैया: हम भारत से नहीं, बल्कि भारत में आज़ादी माँगते हैं ।
दिल से आवाज़ आयी।
हम ले के रहेंगे, आज़ादी।
हम लेके रहेंगे, आजा़दी।
भ्रष्टाचार से आजा़दी।
जातिवाद से आजा़दी।
गरीबी से आजा़दी।
भुखमरी से आजा़दी।
ब्राम्हण वाद से आजा़दी।
संघवाद से आजा़दी।
मनुवाद से आजा़दी।
तुम कुछ भी कर लो,
हम ले के रहेंगे आजा़दी।
तुम कुछ भी कर लो, बस आजा़दी।
हम ले के रहेंगे,
और कहके लेंगे। आजा़दी।
जिसने कन्हैया को नहीं देखा और नहीं सुना उसे कभी पता नहीं चलेगा कि असली देशभक्ती होती क्या है ।
जोरदार, धमाकेदार, इंटेलेक्चुअल, व्यंगात्मक, विनम्र, जबरदस्त और नि:शब्द कर देने वाला भाषण।
लाल सलाम का मतलब कल कन्हैया ने मुझे समझा दिया।
अब दिल से निकलता है,
लाल सलाम! क्रांति को सलाम। इंकलाब जिंदाबाद ।
https://m.youtube.com/watch?v=8JhvepyZqhA&feature=youtu.be
No comments:
Post a Comment